Saturday 20 September 2014

सेक्स की पहली कहानी

दोस्तों नमस्कार 

       मेरा नाम आर्यन है, मै रायपुर , छत्तिसगढ़  का रहने वाला हूँ , उम्र २८ की हो गई है, शादी शुदा हूँ, लेकिन
 बड़े बूब्स देखर लौडा फिर भी फनफनाता है , नेट पर कई सेक्स story पढने  के बाद मैने सोचा मेरी भी कहानी 
आप तक पहुचनी चाहिए, मेरी चुदाई की पहली कहानी जो आज से ८ साल पहले अपनी प्यारी भाभी को चोदा था
 बात उन दिनों की है, जब मेरी पढ़ाई ख़त्म हुई थी और मुझे नई नई जॉब मिली थी और मुझे भाई और भाभी के साथ रहना था, मै भी उन सभी लड़को की तरह ही हूँ जो अपनी भाभी को देखते ही लार टपकाते  है, और वो कब जब भाभी के बूब्स और गाड एकदम मस्त हो, 
      मेरा एक भी दिन ऐसा नही था जब मैंने मुठ न मारा हो , जब भैया भाभी बाहर जाते मै भाभी के कपड़ो में अपना  मॉल गिरा देता , spatially saree और bra मेरा फेब्रेट है, भाभी को नहाते हुए और कपड़े बदलते हुए देखना मेरा लंड 7 इंच से 10 इंच का कर देता था , मै इस बात से अनजान की मेरी भाभी मेरे हरकतों पर  नजर रखती है मै   उनकी saree को रात में अपने लंड से लपेट के सोता था, कइ बार तो मैंने उनकी लाल रंग की ब्रा को लंड पे लपेट कर दिन बिताया है, और एक दिन इन सब से अलग हुआ.
     मेरा एक छोटा सा  accident  हो गया और मुझे  15  दिनों की छुट्टी मिल गई, एक दिन दोपहर में मै अपने बिस्तर पर अपने लंड को हाथ में ले कर लेटा हुआ था, मुझे मालूम था की कुछ देर में भाभी मेरे कमरे में जरुर आएगी, मेरी भाभी आई मुझे देखा और चली गई, मैंने अपने चहरे पर पतला सा कपड़ा दल रखा था जिससे भाभी को मेरी आखें दिखाई ना दे.  थोड़ी देर बाद भाभी फिर अंदर आई, मेरे दिल की धड़कन जोरों से चल रही थी।

तभी मैंने भाभी से कहा- …भाभी मुझे आप से कुछ बात करनी है।
भाभी बोली- बोलो, क्या कहना है?
मैंने कहा- भाभी मैं आपसे पहले ही माफी माँग लेता हूँ कि कहीं आपको मेरी बात बुरी ना लग जाए।
भाभी बोली- बोलो भी, क्या बात है, मुझे अभी काम भी ख़त्म करना है।
मैंने कहा- भाभी, आप मुझे बहुत मस्त लगती हो !
इतना कहकर मैं ना जाने क्यों कांपने लगा।
भाभी हल्के से हंसी और बोली- ऐसा क्यूँ लगता है तुम्हें?
“बस ऐसे ही !” मैंने कहा।
भाभी इतना सुनकर कमरे से जाने लगी तो मैंने थोड़ी सी हिम्मत दिखाई और भाभी का हाथ पकड़ लिया।
‘अब तुम्हारी बात सुन तो ली, अब क्या चाहिए?’ भाभी ने कहा।
मेरे साँसें तेज़ चल रही थी, मैंने कहा- आपने सुनकर कुछ कहा नहीं !
भाभी बोली- अभी मैं काम कर रही हूँ, ज़रा मैं नहा लूँ, फिर आकर आपकी खबर लेती हूँ, अब तुम आराम करो . 
मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था। मैं उठकर टीवी देखने लगा और इसी तरह करीब एक घंटा निकल गया।
फिर भाभी बाथरूम से नहा कर निकली और उन्होंने एक बहुत ही प्यारी सी लाल सारी पहन रखी थी, और लाल ब्लाउज के निचे काली bra बहुत मस्त लग रही थी 
मेरे लण्ड का बुरा हाल हो रहा था, मेरी बेचैनी बढ़ने लगी।
वो मेरे तरफ देखकर मुस्कुराने लगी, मैं बेड पर बैठ गया।
वो अंदर आई और बोली- अब बताओ, क्या बकवास कर रहे थे?
मैंने कहा- क्यों आप भूल गई क्या?
‘भूलने के बच्चे… अगर मैं तुम्हें मस्त लग रही होती तो तुम मुझे यूँ एक घंटे तक फ्री नहीं छोड़ते !’ वो बोली।
और इतना कहकर उन्होंने मेरे गाल पर चूंटी काट ली।
मैं तो पता नहीं पागल सा होने लगा था, मैंने झट से उन्हें कमर से पकड़ कर अपनी बाहों में खींच लिया।
हम दोनो की साँसें तेज़ हो रही थी।
तभी भाभी मेरे गाल पर किस करने लगी, मैंने भी अपने हाथ उनकी चूचियों पर रखकर उन्हें हल्का हल्का मसलना शुरू किया।
भाभी के अंदर से एक अजीब से महक आ रही थी जो मैंने पहले कभी भी महसूस नहीं की।
तभी भाभी का हाथ धीरे धीरे मेरी लंड  की तरफ बढ़ने लगा, तो मैंने कहा- इतनी भी क्या जल्दी है, ज़रा सी देर अपने हुस्न का मज़ा तो लेने दो।
भाभी बोली- ज़रा मैं भी तो देखूँ कि मुझे जन्नत की सैर करने वाले के क्या हाल हैं?
मैंने खड़े होकर अपनी नेकर  उतारी और अब मैं केवल बनियान और अंडरवीयर में खड़ा था।
भाभी ने धीरे से मेरे अण्डरवीयर में हाथ डालकर मेरे लण्ड को छुआ, तो मेरे मुँह से सिसकारी निकल गई।
उसके बाद भाभी ने हल्का सा मेरे लण्ड को अपने हाथ से आगे पीछे करना शुरू किया।
और तभी वो हुआ जो मैंने भी नहीं सोचा था, भाभी के हाथों में आते ही मेरे लण्ड के आते ही मैं झड़ गया, मुझे इतना ज़्यादा आनन्द आ रहा था कि मैं यही भूल गया कि भाभी मेरे सामने है और मैं अपनी कमर को हिला हिला कर झड़ने का मज़ा लेने लगा।
मेरे लण्ड के पानी को हाथ से साफ करते हुआ भाभी बोली- क्यों मेरे राजा, इतनी जल्दी मैदान से भाग गये? तुम्हारा घोड़ा तो मेरे हाथ के दो झटके भी नहीं झेल पाया और झड़ गया।
‘अभी तो मैंने अपने हाथों से ही मालिश की थी अगर कहीं और से मालिश कर देती तो तुम्हारा क्या होता?’
मुझे बहुत शर्म आ रही थी, मैंने कहा- भाभी, इतने लम्बे समय से आपके बारे में सोच रहा था तभी आपके सामने आते ही मैदान से भाग गया, वर्ना मेरे घोड़े को हराना इतना आसान नहीं है।
और इतना कहकर मैंने भाभी के होंठ अपने होठों के बीच दबा लिए और उनका रस पीने लगा।
भाभी पर धीरे धीरे मस्ती छाने लगी और उन्होंने मदहोश होना शुरु कर दिया।
मैंने भाभी को अपनी गोद में उठाया और बेड पर सीधा लिटा दिया।
अब वो मुझे बहुत मस्त लग रही थी।
मैंने धीरे से उनके ब्लाउज खोलना चालू किया, काला  रगं का ब्रा मेरी क्या हालत थी मै कह नहीं सकता फिर मै उनके शरिर से सारे कपडे हटा दिए सिर्फ ब्रा को छोड़कर. उनकी चड्डी को मैंने खा लिया  .....
उनकी चूत पे हल्के हल्के बाल थे, लगता था उन्होंने जल्दी ही सफाई की थी।
मैंने आराम से अपनी जीभ उन बालों में घुमानी शुरू कर दी।
बस फिर क्या था, भाभी ने अपनी आँखें बंद कर ली, मैंने एक हाथ उनकी चूचियों पर रखा और दूसरे हाथ से उनकी चूत को सहलाने लगा।
और फ़िर उनकी चूत के दाने को छेड़ना शुरू किया। बस भाभी शुरू हो गई, उन्होंने अपने दोनों जांघों से मेरे सर को दबाया और मीठी मीठी सिसकारियाँ भरने लगी।
बस इतनी देर में मेरा लंड भी दुबारा तैयार हो गया।
अब भाभी ने अपनी गांड को हल्का सा ऊपर की तरफ करना शुरू किया और अपने हाथ को मेरे लंड की तरफ बढ़ाने लगी।
मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर बोली- जरा अपने घोड़े को बोलना कि मेरे गली में जाकर उसकी खुजली मिटाए। यह तो आग की तरह तप रहा है।
मैंने कहा- भाभी, इतनी भी जल्दी क्या है, जितना मैं आपके लिए तरसा हूँ, पहले उसका बदला तो लेने दो।
भाभी ने अपनी आँखें बंद कर ली और सिसकारियाँ लेने लगी, पूरे कमरे में उनकी आहों की आवाजें आ रही थी।
मैंने घड़ी की तरफ देखा, दोपहर के 3 बजे थे।
तभी भाभी ने बोलना शुरू कर दिया- देवर जी अब आ जाओ, वर्ना मैं ऐसे ही मर जाऊँगी।
मैंने अपनी जीभ तेज कर दी।
भाभी चिल्लाने लगी- आर्यन , क्या कर रहे हो, मैं झड़ने वाली हूँ।
यह कहकर भाभी जोर जोर से अपने कूल्हे हिलाने लगी।
मुझे लग गया कि अब भाभी पूरी तरह गर्म है, पूरी तरह से चुदने के लिए तैयार है।
मैंने भाभी के दोनों पैरों को अपने कन्धों पर रखा और उनकी चूत पर अपना लंड रखकर अन्दर की तरफ झटका मार दिया।
पूरा लण्ड एक ही धक्के में अन्दर समां गया।
‘शाबाश मेरे राजा, अब लग जा काम पर ! और लेकर चल मुझे स्वर्ग की सैर पर !’
इतना कहकर भाभी ने अपने पैर मेरे कन्धों से हटा कर मेरी कमर पर कस दिए।
मैंने हल्के हल्के धक्के मारने शुरू किये और भाभी ने नीचे से मेरा साथ देना शुरू किया।
यह सब करीब 10 मिनट तक चला और अचानक भाभी पर मस्ती सवार होने लगी और मुझे अपनी बाँहों में कसकर वो झड़ गई।
मैंने कहा- भाभी, ये क्या, मुझे रास्ते में ही छोड़कर कर आप वापस जा रही हो?
भाभी बोली- पागल… तो आगे चल और ऐसे ही धक्के मार, मैं बस तेरे पीछे पीछे ही आ रही हूँ।
और इतना कहकर उन्होंने मेरे होंटों को चूम लिया।
मैंने अपने धक्के चालू रखे और मैं बस दो ही मिनट धक्के मर पाया हूँगा कि भाभी अपने आप बोलने लगी- क्या कर रहा है, अगर इस तरह मुझे चोदेगा तो कल तक भी मुझे नहीं झाड़ पायेगा, चल थोड़ा जोर दिखा।
अब मैंने अपनी रफ़्तार पकड़नी शुरू की।
“शाबाश राजा, थोड़ा जमा जमा कर धक्के मार… आआआआ मज़ा आ रहा है… अब रुकना मत !’
मैं भी पूरे जोश में भाभी को चोद रहा था कि तभी भाभी ने बोलने लगी- अबे क्या चोद रहा है मादरचोद। कह रही हूँ कि जमा जमा कर धक्के लगा, सुन नहीं रहा क्या?
मैंने कहा- सब सुन रहा हूँ मेरी रानी, अब बस तैयार रहो स्वर्ग चलने के लिए… ये लो… आआआअ आआआआ और लो मेरी जान !
भाभी बोली- ईईईईई मर गई… क्या कर रहा है… और जोरों से चोद… आआअ आआ… ईईईई ऊऊऊऊउ थोड़ा और तेज़, थोड़ा सा और… बस मैं आयाआआआईईईई… हाय मेरे राजा, मैं आने वाली हूँ।
मैंने भी भाभी की चुदाई में पूरी जान लगा दी।
भाभी ने नीचे से अपने जबरदस्त तरीकों से तेज़ कर दिए… पूरे कमरे में अब आहों की बजाये फच फच फच की आवाजें आ रही थी।
भाभी ने मेरे बालों को कस कर पकड़ लिया- आर्यन , मैं गई… ह्ह्ह्हाआय्य्य  ह्ह्ह्हाय्य्य मैं झड़ी…मैं झड़ गई रे… हाय रे सुनील… मेरे राजा तूने तो मेरा बैंड ही बजा दिया !
और इतना कहकर भाभी बिस्तर के ऊपर ही फुदक फुदक कर झड़ने लगी।
अब मैं भी किनारे पर खड़ा था, चार पांच झटके मारने के बाद मुझे भी मंजिल मिल गई और मैं भाभी की चूत के अन्दर ही छुट गया। मैं इतनी बार झड़ा हूँ पर उस दिन जो मैं भाभी की चूत के अन्दर झड़ा, वो मज़ा मैं आपको शब्दों में नहीं बता सकता।
भाभी की चूत में मेरी पिचकारी तीन बार छूटी।
हम दोनों कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे।
४ बज गये थे, फिर हम अलग हुए और भाभी ने मेरे लिए चाय बनाई।
उसके बाद तो जैसे मै भाभी का गुलाम हो गया, और ये सिलसिला आगे क्या रंग लाया अगली story me 
aur koi bhabhi ya aunty mujhse chudama chahti hai to mail --network.frnd@gmail.com